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Sunday, December 14, 2025

Mahakumbh: माघ पूर्णिमा के अवसर पर वाराणसी में उमड़ा श्रद्धालुओं का सैलाब, दशाश्वमेध घाट पर पवित्र डुबकी लगाई और पूजा अर्चना की

वाराणसी के दशाश्वमेध, अस्सी और मणिकर्णिका घाट सहित अन्य प्रमुख घाटों पर सुबह से ही भक्तों का सैलाब उमड़ा हुआ है। गंगा आरती में भाग लेने के लिए देश-विदेश से श्रद्धालु आ रहे हैं, जिससे घाटों पर भीड़ बढ़ रही है। सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए प्रशासन ने घाटों पर अतिरिक्त पुलिस बल की तैनाती की है

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Mahakumbh: माघ पूर्णिमा स्नान के लिए काशी में श्रद्धालुओं का सैलाब उमड़ पड़ा। गंगा घाटों पर लाखों की भीड़ है। अस्सी से लेकर दशाश्वमेध और राजघाट तक लोग गंगा स्नान की आस्था में डुबकी लगा रहे हैं। ऐसी मान्यता है की मांग पूर्णिमा पर गंगा स्नान और दान का विशेष पुण्य मिलता है। लोग गंगा स्नान कर बाबा विश्वनाथ का दर्शन कर रहे हैं, बाबा के दर्शन को 5 किलोमीटर लंबी लाइन लगी है। श्रद्धालुओं की भारी भीड़ को देखते हुए प्रशासन काफी चुस्त है। गंगा घाटों और श्री काशी विश्वनाथ मंदिर परिक्षेत्र में भारी पुलिस फोर्स की तैनाती के साथ ही ड्रोन से निगरानी हो रही है। माघ पूर्णिमा स्नान के लिए काशी में एक-दो दिन पहले से ही श्रद्धालुओं का रेल उमड़ने लगा था। स्थानीय के साथ ही लाखों की संख्या में भारी श्रद्धालु गंगा की पवित्र धारा में डुबकी लगाने के लिए पहुंचे हैं। माघ पूर्णिमा के अवसर पर बुधवार की सुबह से ही श्रद्धालुओं का रेला घाटों पर उमड़ने लगा, लगभग 20 लाख श्रद्धालुओं की गंगा स्नान की संभावना है। यह संख्या और बढ़ सकती है। लोग गंगा में डुबकी लगाकर घाटों पर पंडों पुरोहितों को दान दे रहे हैं। माघ पूर्णिमा के दिन गंगा स्नान और दान से सभी तरह के पापों से मुक्ति मिलती है, शरद पूर्णिमा की तरह माघ पूर्णिमा का चंद्रमा भी अमृत वर्षा करता है।

प्रमुख घाटों पर सबसे अधिक भीड़

माघ पूर्णिमा पर गंगा स्नान के लिए काशी के प्रमुख दशाश्वमेध, अस्सी समेत 10 घाटों पर सबसे अधिक भीड़ है। अस्सी घाट पर लाखों श्रद्धालुओं ने पुण्य की डुबकी लगाई। अक्षय फल की प्राप्ति को लेकर लोग स्नान के बाद दान पुण्य कर रहे हैं। हिंदू धर्म में मेघ पूर्णिमा का विशेष महत्व है, विदेश से भी काफी संख्या में लोग यहां स्नान दान के लिए पहुंचते हैं। धार्मिक मान्यता के अनुसार इस दिन गंगा स्नान और दान करने से सभी तरह के पापों से मुक्ति मिल जाती है। स्कंद पुराण के अनुसार माघी पूर्णिमा पर स्नान से व्यक्ति को समेत पापों से मुक्ति मिलती है और उसके जीवन में सकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है। धार्मिक ग्रंथो के अनुसार गाय, तिल, गुड़ और कंबल का दान इस मास में विशेष पुण्य फल देता है।

बाबा के दर्शन को 5 किलोमीटर लंबी लाइन

माघ पूर्णिमा स्नान के लिए काफी संख्या में बाहरी श्रद्धालु काशी आए हैं। लोग गंगा स्नान कर बाबा विश्वनाथ का दर्शन कर रहे हैं, ऐसे में बाबा का दरबार हर-हर महादेव के उद्धोष से गुंजायमान है। बाबा के दर्शन को सुबह से ही श्रद्धालुओं की कतार लगी है लगभग 5 किलोमीटर लंबी लाइन लगी है। भी पर नियंत्रण में कमिश्नरेट पुलिस की पूरी तैनाती जुटी हुई है।

नौका संचालन पर लगाया प्रतिबंध

वाराणसी के दशाश्वमेध, अस्सी और मणिकर्णिका घाट सहित अन्य प्रमुख घाटों पर सुबह से ही भक्तों की भीड़ लगी हुई है। गंगा आरती में भाग लेने के लिए देश-विदेश से श्रद्धालु आ रहे हैं, जिससे घाटों पर भीड़ बढ़ रही है। सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए प्रशासन ने घाटों पर अतिरिक्त पुलिस बल की तैनाती की है। भारी भीड़ के कारण सुरक्षा व्यवस्था बनाए रखने के लिए गंगा आरती के दौरान श्रद्धालुओं की संख्या अत्यधिक बढ़ने से संभावित दुर्घटनाओं को रोकने के लिए, अंधेरा होने के बाद जल परिवहन में संभावित जोखिम को कम करने के लिए नौका संचालन पर प्रतिबंध लगा दिया गया है। वाराणसी जिला प्रशासन और जल पुलिस ने नौका संचालकों को शाम 6:00 के बाद गंगा में किसी भी नाव के संचालक पर रोक लगाने का सख्त निर्देश दिया है। जो नाविक इस आदेश का उल्लंघन करेंगे उनके खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी।

काशी में माघ पूर्णिमा का महत्व

‘मन चंगा तो कठौती में गंगा’ यह लाइन गुरु रविदास ने काशी के गंगा घाट पर कही थी। माघ पूर्णिमा तिथि यानी 12 फरवरी को संत शिरोमणि गुरु रविदास की 648वीं जन्म जयंती मनाई जाएगी। रविदास के जन्म जयंती पर BHU के पीछे सिरगोवधनपुर में स्थित रविदास मंदिर को भव्य रूप से सजाया जा रहा है। रविदास जन्म जयंती पर शामिल होने के लिए रैदासियों ने अस्थाई रूप से मंदिर के आसपास डेरा जमा चुके हैं। गुरु के प्रति श्रद्धा और भक्ति में साराबोर होने के लिए रविदासिया धर्म के प्रमुख संत निरंजन दास के नेतृत्व में रैदासियों का जत्था रविदास मंदिर में दर्शन पूजन के लिए पहुंच रहे हैं। पश्चिमी उत्तर प्रदेश, पंजाब, हरियाणा समेत देश के तमाम राज्यों के अलावा विदेशों में रह रहे रैदासियों का समूह काशी पहुंच रहा है। एक अनुमान के मुताबिक गुरु रविदास के 648वें जन्म जयंती पर करीब 15 से 20 लाख की संख्या में रैदासी मंदिर में दर्शन पूजन करने पहुंचे हैं।

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