आज महाशिवरात्रि का पावन पर्व है, जिसे हिंदू धर्म में विशेष रूप से शुभ और पुण्यदायी माना गया है। महाशिवरात्रि के अवसर पर किए गए धार्मिक कार्यों से सभी मंगलकामनाएं पूर्ण होती हैं। यदि आप कोई नया कार्य शुरू करने की योजना बना रहे हैं, तो इसे आज ही कर लें, क्योंकि कल से पंचक लगने जा रहे हैं।
पंचक की अवधि
महाशिवरात्रि के अगले दिन, 27 फरवरी 2025 को सुबह 4:37 बजे से पंचक शुरू हो जाएंगे, जो 3 मार्च 2025 को सुबह 6:39 बजे समाप्त होंगे। ज्योतिषीय दृष्टि से पंचक का समय शुभ नहीं माना जाता और इस दौरान नए कार्यों को टालने की सलाह दी जाती है।
पंचक का ज्योतिषीय महत्व
हालांकि सभी पंचक अशुभ नहीं होते, लेकिन सामान्यत: इन्हें बाधाओं का संकेत माना जाता है। इस बार पंचक गुरुवार से प्रारंभ हो रहे हैं, जो दोष रहित माने जाते हैं। फिर भी, एहतियात के तौर पर कुछ कार्यों से बचना उचित समझा जाता है।
पंचक के दौरान क्या न करें?
- नए कार्यों की शुरुआत न करें, क्योंकि इस दौरान किए गए कार्यों में बाधाएं आ सकती हैं।
- विवाह, गृह प्रवेश, वाहन खरीद आदि शुभ कार्यों से परहेज करें।
- धार्मिक मान्यता के अनुसार, पंचक काल में किए गए मांगलिक कार्य विवाद, मनमुटाव और असफलता ला सकते हैं।
पंचक में मृत्यु पर विशेष परंपरा
पंचक के दौरान यदि किसी की मृत्यु हो जाती है, तो परिवार और समाज पर संकट मंडराने की आशंका रहती है। इस दोष को दूर करने के लिए शव के साथ पांच आटे के पुतले जलाने की परंपरा है।
अतः यदि कोई शुभ कार्य करने की योजना है, तो उसे आज ही पूर्ण कर लें, क्योंकि पंचक के दौरान मांगलिक कार्य वर्जित माने जाते हैं।

