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Tuesday, June 17, 2025

मुख्य चुनाव आयुक्त की नियुक्ति पर Rahul Gandhi का असहमति नोट “अपमानजनक, अशिष्ट”

Gyanesh Kumar के नए मुख्य चुनाव आयुक्त बनाए जाने पर कांग्रेस ने आपत्ति जाहिर की है। तीन सदस्यीय कमेटी में शामिल Rahul Gandhi ने उनकी नियुक्ति पर अस्ति जाहिर की। Rahul Gandhi चाहते थे कि जब तक सुप्रीम कोर्ट में नई नियुक्ति प्रक्रिया को चुनौती देने वाली याचिकाओं पर फैसला नहीं हो जाता तब तक मुख्य चुनाव आयुक्त की नियुक्ति स्थगित कर देना चाहिए।

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Gyanesh Kumar मुख्य चुनाव आयुक्त बनाए गए हैं। वो Rajiv Kumar की जगह लेंगे। प्रधानमंत्री Narendra Modi, Amit Shah और Rahul Gandhi की तीन सदस्यीय कमेटी ने यह फैसला लिया है। यह फैसला 2:1 के बहुमत में लिया गया। सूत्रों के अनुसार 30 मिनट की बैठक में मुख्य चुनाव आयुक्त और चुनाव आयुक्त के पदों के लिए चुने गए पांच पांच नामों के पैनल समिति के समक्ष विचार के लिए रखे गए थे। कांग्रेस सांसद Rahul Gandhi ने Gyanesh Kumar की नियुक्ति पर सहमति जताई।

Rahul Gandhi ने क्यों जताई नाराजगी

Rahul Gandhi चाहते थे कि जब तक सुप्रीम कोर्ट में नई नियुक्ति प्रक्रिया को चुनौती देने वाली याचिकाओं पर फैसला नहीं हो जाता तब तक मुख्य चुनाव आयुक्त की नियुक्ति स्थगित कर देना चाहिए। नए कानून के तहत अब मुख्य चुनाव आयुक्त की नियुक्ति वाले पैनल में सीजेआई नहीं होंगे। पुराने कानून के तहत पैनल में सीजेआई की शामिल होने का प्रावधान है। केंद्र सरकार ने कानून में बदलाव किया था जिस पर विपक्ष ने आपत्ति जाहिर करते हुए सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया है। Rahul Gandhi कोर्ट के इसी फैसले का इंतजार करने के लिए कह रहे हैं।

सरकार ने सुप्रीम कोर्ट का अपमान किया : कांग्रेस

बता दें कि इस मामले को लेकर 19 फरवरी को सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई होनी है। कांग्रेस महासचिव K. C. Venugopal ने कहा, “आधी रात को जल्दबाजी में सरकार ने नए मुख्य चुनाव आयुक्त की नियुक्ति की अधिसूचना जारी कर दी है। यह हमारे संविधान की भावना के खिलाफ है। सुप्रीम कोर्ट ने भी कई मामलों में यह दोहराया है कि चुनाव प्रक्रिया की पवित्रता के लिए मुख्य चुनाव आयुक्त को एक निष्पक्ष हितधारक होना चाहिए”। K. C. Venugopal आगे कहा कि संशोधित कानून ने सीजेआई को CEC चयन समिति से हटा दिया। सरकार को CEC का चयन करने से पहले 19 फरवरी को सुप्रीम कोर्ट की सुनवाई तक इंतजार करना चाहिए था। Venugopal नहीं आरोप लगाया कि जल्दबाजी में बैठक आयोजित करने और नए CEC की नियुक्ति करने के उनके फैसले से पता चलता है कि सरकार उच्चतम न्यायालय के अधिकार क्षेत्र को दरकिनार करने और स्पष्ट आदेश आने से पहले नियुक्ति करने की इच्छुक है।

सत्तारूढ़ शासन अपने लाभ के लिए नियमों को मोर रहा : कांग्रेस

कांग्रेस नेता का कहना है कि, “इस तरह का घृणित व्यवहार केवल उन संदेहों की पुष्टि करता है जो कई लोगों ने व्यक्त किए हैं की कैसे सत्तारूढ़ शान चुनावी प्रक्रिया को नष्ट कर रहा है और अपने लाभ के लिए नियमों को मोर रहा है”। कांग्रेस नेता ने दावा किया कि चाहे वह फर्जी मतदाता सूचियां हो, भाजपा के पक्ष में कार्यक्रम हो या EVM हैकिंग के बारे में चिंताएं हो, ऐसी घटनाओं के कारण सरकार और उसके द्वारा नियुक्त CEC गहरे संदेह के घेरे में आते हैं।‌

Rahul Gandhi ने लिखा – आधी रात को नियुक्ति का फैसला असम्मानजनक

Rahul Gandhi ने एक्स पर लिखा, “अगले मुख्य चुनाव आयुक्त की नियुक्ति को लेकर बैठक थी। इसमें मैंने प्रधानमंत्री और गृह मंत्री को डीसेंट नोट दिया था। इसमें लिखा था- मूलभूत बात यह है कि चुनाव आयोग स्वतंत्र होता है। मुख्य चुनाव आयुक्त और चुनाव आयुक्त की नियुक्ति प्रक्रिया में कार्यपालिका का कोई दखल नहीं होता। लोकसभा में विपक्ष का नेता होने के नाते मेरी जिम्मेदारी है कि Babasaheb Ambedkar और देश का निर्माण करने वाले नेताओं के आदर्श कायम रहें। आधी रात में पीएम और गृह मंत्री का CEC की नियुक्ति का फैसला असम्मानजनक है। CEC‌ की नियुक्ति का फैसला कब लिया गया जब मामला सुप्रीम कोर्ट में है और इस पर 48 घंटे के अंदर सुनवाई होनी है।

पहले जब इन नियुक्तियों को नियंत्रित करने वाला कोई संसदीय कानूनी नहीं था तब यह नियुक्तियां प्रधानमंत्री की सलाह पर राष्ट्रपति द्वारा की जाती थीं। इस रूप से सबसे वरिष्ठ चुनाव आयुक्त वर्तमान मुख्य चुनाव आयुक्त का उत्तराधिकारी होता है और आयोग में नियुक्ति की तिथि के अनुसार वरिष्ठता निर्धारित होती है।

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