जम्मू-कश्मीर विधानसभा में सोमवार को उस समय हंगामा मच गया जब नेशनल कॉन्फ्रेंस और उसके सहयोगी दलों ने Waqf Amendment Bill के खिलाफ जमकर विरोध किया।
जैसे ही सत्र शुरू हुआ, विपक्षी विधायकों ने बिल पर चर्चा की मांग की, लेकिन Speaker Abdul Rahim Rather ने यह कहकर प्रस्ताव खारिज कर दिया कि मामला सुप्रीम कोर्ट में विचाराधीन है। इसके बाद सदन में नारेबाज़ी शुरू हो गई और माहौल गर्मा गया।
नेशनल कॉन्फ्रेंस के विधायक तनवीर सादिक ने Waqf Bill पर स्थगन प्रस्ताव रखा था, जिसे खारिज कर दिया गया। गुस्साए विपक्षी विधायक वेल की ओर बढ़े लेकिन मार्शलों ने उन्हें रोक दिया। इसके बाद सदन में “बैन करो बैन करो Waqf Bill को बैन करो” जैसे नारे गूंजने लगे।
कांग्रेस विधायक Irfan Hafeez Lone ने तीखी प्रतिक्रिया दी और कहा कि यह संविधान, लोकतंत्र और कानून के राज का सीधा उल्लंघन है। उन्होंने कहा कि संख्या मायने नहीं रखती, भावनाओं का सम्मान होना चाहिए। वहीं, PDP Leader Waheed Para ने भी इस विरोध में शामिल होते हुए नेशनल कॉन्फ्रेंस पर “फिक्स मैच” खेलने का आरोप लगा दिया।
उन्होंने कहा कि जब अनुच्छेद 370 और CAA court में थे तब भी कई राज्यों ने प्रस्ताव पारित किए थे, लेकिन आज हमें विरोध की इजाजत नहीं दी जा रही। ये दिखाता है कि सरकार ने Kashmir और Muslim community के मुद्दों पर समझौता कर लिया है।
विवादित वक्फ (संशोधन) विधेयक 2025 को President Draupadi Murmu की मंजूरी मिल चुकी है। राज्यसभा में यह 128 के पक्ष और 95 के विरोध में पास हुआ, जबकि लोकसभा में 288 समर्थन और 232 विरोधी मत मिले।
सरकार का कहना है कि इस बिल का मकसद Waqf Properties का बेहतर प्रबंधन, तकनीक का इस्तेमाल और पारदर्शिता लाना है।
1923 के पुराने कानून को खत्म करते हुए इसे आधुनिक ढांचे में लाया गया है। हालांकि विपक्ष का आरोप है कि इस कानून के जरिए Waqf Boards की स्वायत्तता पर हमला किया गया है और यह धार्मिक भावनाओं के खिलाफ है।
बिल को लेकर सियासी पारा चढ़ चुका है और अब देखना होगा कि यह विवाद और कितना लंबा खिंचता है। फिलहाल, Jammu-Kashmir Assembly में सियासी घमासान थमता नहीं दिख रहा।