प्रयागराज महाकुंभ में मौनी अमावस्या पर हुई भगदड़ के बाद अब हालात सामान्य हो रहे हैं। प्रशासन के कड़े इंतजामों का असर दिख रहा है, जिससे भीड़ नियंत्रित हो रही है और श्रद्धालु आसानी से संगम में स्नान कर पा रहे हैं। अब तक 27 करोड़ 58 लाख से ज्यादा श्रद्धालु पवित्र डुबकी लगा चुके हैं। वहीं, न्यायिक आयोग आज प्रयागराज पहुंच रहा है, जो इस घटना की जांच करेगा।
भगदड़ की जांच के लिए तीन सदस्यीय न्यायिक आयोग बनाया गया है, जिसका नेतृत्व पूर्व न्यायाधीश हर्ष कुमार कर रहे हैं। इस टीम में पूर्व आईएएस अधिकारी डीके सिंह और पूर्व आईपीएस वीके गुप्ता शामिल हैं। आयोग इस घटना के कारणों और भविष्य में इसे रोकने के उपायों पर रिपोर्ट तैयार करेगा। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को एक महीने के भीतर यह रिपोर्ट सौंपी जानी है।
सख्त नियम, बदली गई व्यवस्थाएं
महाकुंभ में सुरक्षा बढ़ाने के लिए प्रशासन ने कई अहम बदलाव किए हैं:
पूरे मेला क्षेत्र में 5 फरवरी तक चार पहिया वाहनों की एंट्री बंद कर दी गई है।
अब किसी को भी वीआईपी सुविधा नहीं दी जाएगी, सभी को समान नियमों का पालन करना होगा।
मेला क्षेत्र में सिर्फ पैदल यात्रियों को ही प्रवेश की अनुमति है। पॉन्टून पुल भी सिर्फ पैदल चलने वालों के लिए रहेगा।
भीड़ नियंत्रण के लिए सभी रास्तों को वन-वे कर दिया गया है, जिससे श्रद्धालुओं की आवाजाही आसान हो सके।
घाटों पर अधिक भीड़ न हो, इसके लिए श्रद्धालुओं को अधिक समय तक रुकने की इजाजत नहीं दी जा रही है।
अगली चुनौती: बसंत पंचमी का स्नान
मुख्य सचिव मनोज कुमार सिंह और डीजीपी प्रशांत कुमार ने मेला क्षेत्र का निरीक्षण कर सुरक्षा व्यवस्था की समीक्षा की। प्रशासन के सामने अब बसंत पंचमी के पावन स्नान को लेकर बड़ी चुनौती है, जिसमें लाखों श्रद्धालु शामिल होंगे।
रेलवे और ट्रैफिक व्यवस्था में सुधार
महाकुंभ में श्रद्धालुओं की सुविधा के लिए रेलवे ने प्रयागराज के पांच स्टेशनों से कुंभ स्पेशल ट्रेनों का संचालन बढ़ा दिया है। ट्रैफिक पुलिस भी भीड़ नियंत्रण के लिए लगातार निगरानी कर रही है।
बड़ी संख्या में श्रद्धालु अभी भी प्रयागराज पहुंच रहे हैं, लेकिन प्रशासन के सख्त इंतजामों के चलते व्यवस्था पहले से बेहतर है। अब भक्त बिना किसी परेशानी के संगम में आस्था की डुबकी लगा रहे हैं|
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