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Wednesday, April 30, 2025

Nitish Kumar को झटका, JDU मुस्लिम नेताओं ने पार्टी से दिया इस्तीफा

वक्फ बिल पर अपने रुख को लेकर Nitish Kumar की पार्टी JDU के दो मुस्लिम नेताओं ने पार्टी से इस्तीफा दे दिया, उन्होंने वक्फ संशोधन विधेयक के लिए JDU के समर्थन पर कड़ी निराशा व्यक्त की

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वक्फ बिल पर अपने रुख को लेकर Nitish Kumar की पार्टी JDU के दो मुस्लिम नेताओं ने पार्टी से इस्तीफा दे दिया, उन्होंने वक्फ संशोधन विधेयक के लिए JDU के समर्थन पर कड़ी निराशा व्यक्त की। JDU के अल्पसंख्यक राज्य सचिव मोहम्मद शाहनवाज मलिक ने शुक्रवार को पार्टी अध्यक्ष नीतीश कुमार को संबोधित एक पत्र के माध्यम से अपने इस्तीफे की घोषणा की, उन्होंने कहा कि उन्होंने मुसलमानों का “सारा विश्वास खो दिया” जो मानते थे कि पार्टी धर्मनिरपेक्ष है।

पत्र में लिखा

पत्र में मलिक ने लिखा, “हमारे जैसे लाखों भारतीय मुसलमानों का दृढ़ विश्वास था कि आप पूरी तरह से धर्मनिरपेक्ष विचारधारा के ध्वजवाहक हैं। लेकिन अब यह विश्वास टूट गया है।” उन्होंने कहा कि जिस तरह से JDU सांसद ललन सिंह ने लोकसभा में बिल का समर्थन किया, उससे मुसलमानों की भावनाओं को गहरी ठेस पहुंची है उन्होंने विधेयक को मुस्लिम पसमांदा विरोधी बताया और अपने पत्र में कहा, विधेयक संविधान के कई मौलिक अधिकारों का उल्लंघन करता है। इस विधेयक के जरिए भारतीय मुसलमानों को अपमानित और बदनाम किया जा रहा है।”

लंबे जुड़ाव पर भी खेद

मलिक ने पार्टी के साथ अपने लंबे जुड़ाव पर भी खेद व्यक्त करते हुए कहा, “मुझे खेद है कि मैंने अपने जीवन के कई साल पार्टी को दिए।”उन्होंने घोषणा की कि वह प्राथमिक सदस्यता और जेडीयू के भीतर अन्य सभी जिम्मेदारियों से हट रहे हैं। इस्तीफे की एक प्रति जेडीयू के प्रदेश अध्यक्ष उमेश कुशवाहा और पार्टी के वरिष्ठ नेता मोहम्मद अशरफ अंसारी को भी भेजी गई है।

अंसारी ने लिखा

इससे पहले, मोहम्मद कासिम अंसारी ने भी जनता दल (यूनाइटेड) की प्राथमिक सदस्यता से इस्तीफा दे दिया था, जब पार्टी ने लोकसभा में वक्फ (संशोधन) विधेयक, 2025 को पारित करने का समर्थन किया था। बिहार के मुख्यमंत्री और जेडी (यू) प्रमुख नीतीश कुमार को लिखे अपने त्यागपत्र में अंसारी ने कहा कि वक्फ संशोधन विधेयक पर पार्टी के रुख से लाखों मुसलमानों को “गहरी ठेस” पहुंची है। अंसारी ने लिखा, “पूरे सम्मान के साथ मैं यह कहना चाहता हूं कि मेरे जैसे लाखों भारतीय मुसलमानों को अटूट विश्वास था कि आप धर्मनिरपेक्ष विचारधारा के सच्चे ध्वजवाहक हैं। हाल अब यह विश्वास टूट चुका है। वक्फ (संशोधन)अधिनियम 2024 के संबंध में जेडी (यू) द्वारा अपनाए गए रुख ने लाखों समर्पित भारतीय मुसलमानों और मेरे जैसे पार्टी कार्यकर्ताओं को गहरी ठेस पहुंचाई है।” संसद बहस के बाद शुक्रवार की सुबह वक्फ संशोधन विधेयक 2025 पारित कर दिया। राज्यसभा के सभापति जगदीप धनखड़ ने कहा, “हां में 128 और नहीं में 95, अनुपस्थित शून्य। विधेयक पारित हो गया है।”
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