New Delhi: Yamuna किनारे की सफाई को लेकर एक बड़ा घोटाला सामने आया है।
Delhi Development Authority (DDA) ने एक निजी कंपनी को मलबा हटाने के लिए करोड़ों रुपये का भुगतान किया, लेकिन काम अधूरा रह गया।
इस मामले में CBI ने छापेमारी करते हुए अहम दस्तावेज जब्त किए हैं। जांच एजेंसी इस बात की जांच कर रही है कि क्या DDA अधिकारियों और ठेकेदार के बीच मिलीभगत थी।
DDA ने यमुना किनारों को स्वच्छ और सुंदर बनाने के लिए एक निजी कंपनी को ठेका दिया था।
ठेके की शर्तों के अनुसार, कंपनी को क्षेत्र से मलबा हटाकर सफाई करनी थी। लेकिन आरोप है कि कंपनी ने अपना काम ठीक से नहीं किया, फिर भी उसे करोड़ों रुपये का भुगतान कर दिया गया।
इस मामले की शिकायत मिलने के बाद CBI ने जांच शुरू की और पाया कि ग्राउंड पर काम बहुत ही कम मात्रा में हुआ था, जबकि पेमेंट पूरी तरह जारी कर दिया गया।
CBI ने मारे छापे, अधिकारियों से पूछताछ शुरू:
Business Headline को मिले सूत्रो के मुताबिक, CBI की टीम ने DDA और संबंधित कंपनी के कई ठिकानों पर छापेमारी की।
इस दौरान अधिकारियों के कई दस्तावेज और डिजिटल रिकॉर्ड जब्त किए गए।
जांच एजेंसी अब यह पता लगाने की कोशिश कर रही है कि क्या DDA के अधिकारियों ने जानबूझकर कंपनी को फायदा पहुंचाया।
अगर इसमें किसी भी तरह की मिलीभगत साबित होती है, तो दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जा सकती है।
DDA ने दी सफाई, कहा- जांच में करेंगे पूरा सहयोग
DDA के अधिकारियों ने बयान जारी कर कहा कि वे इस मामले में CBI को पूरा सहयोग देंगे। यदि किसी भी कर्मचारी की भूमिका संदिग्ध पाई जाती है, तो उसके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी।
उन्होंने यह भी कहा कि भविष्य में ठेका देने की प्रक्रिया को और पारदर्शी बनाया जाएगा, ताकि ऐसी गड़बड़ियां दोबारा न हो सकें।
नागरिकों में गुस्सा, सरकार से की कार्रवाई की मांग
यमुना किनारे रहने वाले लोग इस घोटाले से नाराज हैं। उनका कहना है कि यमुना नदी की सफाई एक महत्वपूर्ण पर्यावरणीय मुद्दा है, और इसमें भ्रष्टाचार बर्दाश्त नहीं किया जाना चाहिए।
नागरिकों ने सरकार से सख्त कार्रवाई की मांग की है, ताकि भविष्य में सरकारी धन की बर्बादी और पर्यावरण के साथ खिलवाड़ न हो।