विदेश नीति और रक्षा क्षेत्र में मौजूदा हालात के मद्देनज़र भारत और पाकिस्तान के बीच संभावित युद्ध को लेकर चिंता फिर से गहराती दिख रही है। भारतीय सेना के प्रमुख जनरल उपेंद्र द्विवेदी ने हाल ही में अपने बयान से सनसनी फैला दी। उनका कहना है कि भारत-पाकिस्तान के बीच अगला युद्ध जल्द ही हो सकता है और देश को इसके लिए हर मोर्चे पर तैयार रहना होगा। जनरल ने विशेष रूप से सेना की तैयारियों और देश में एकजुटता की आवश्यकता पर जोर दिया।
जनरल उपेंद्र द्विवेदी का कहना है कि आज के समय में भारत की सरकार और सेना के बीच अभूतपूर्व तालमेल और दृढ़ इच्छाशक्ति दिख रही है। रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह द्वारा दिए गए निर्देशों के तहत सेना अब पूरी तरह से स्वतंत्र रूप से बड़े निर्णय लेने को तैयार है। जनरल द्विवेदी ने स्पष्ट किया कि भारत ने आतंकवाद के खिलाफ सख्त रुख अपनाया है और भविष्य में अपनी सीमाओं की सुरक्षा के लिए किसी भी हद तक जाएगा।
उन्होंने अपने संबोधन में मई में हुई एक बड़ी सैन्य कार्रवाई ‘ऑपरेशन सिंदूर’ का उदाहरण दिया, जिसमें भारतीय सेना ने आतंकवादी ठिकानों पर गंभीर वार किए थे। जनरल ने बताया कि यह कार्रवाई रणनीतिक दृष्टि से बेहद महत्वपूर्ण थी और इससे दुश्मन को गहरी क्षति पहुँची। उन्होंने कहा कि इस मिशन ने हमारी थल, वायु, जल, साइबर और अंतरिक्ष शक्तियों के तालमेल को साबित किया है। साथ ही, इसमें पूरी सैन्य ताकत के साथ-साथ राजनीतिक समर्थन और सूचना युद्ध रणनीति की भी खास भूमिका रही।
भारत और पाकिस्तान के बीच सीमा विवाद, आतंकवाद, और आंतरिक सुरक्षा को लेकर लंबे समय से तनाव चला आ रहा है। ऐसे में जनरल द्विवेदी का यह बयान इस ओर इशारा करता है कि आने वाले समय में हालात और भी विकट हो सकते हैं। उन्होंने चेतावनी देते हुए कहा कि देश की सुरक्षा अब केवल सेना की जिम्मेदारी न होकर सम्पूर्ण राष्ट्र की जिम्मेदारी है। इसके लिए वैज्ञानिक, उद्योगपति, शिक्षक, छात्र और आम नागरिक—सभी को देशहित में संगठित रहना होगा।
जनरल ने पड़ोसी देश पाकिस्तान की सेना में हाल ही में हुए बदलाव का भी जिक्र किया। उन्होंने पाकिस्तान के नए सेनाध्यक्ष को ‘फील्ड मार्शल’ की पदवी मिलने को व्यंग्य के अंदाज़ में लिया और कहा कि असल जंग तो ज़मीन पर ताकत से जीती जाती है, न कि पदवी से। भारत, अपनी तकनीक और ताकत के कारण, हर मोर्चे पर मजबूती से डटा है।
अंत में जनरल उपेंद्र द्विवेदी ने कहा कि युद्ध कभी किसी का भला नहीं करता, लेकिन यदि मजबूरी आई तो भारत अपनी सीमाओं की रक्षा के लिए हरसम्भव कदम उठाएगा। उन्होंने देशवासियों से एकजुट और सतर्क रहने का आग्रह किया।
