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Thursday, October 30, 2025

Trump की जीरो टैरिफ रणनीति: भारत में Tesla को बड़ा लाभ मिलेगा

भारत और अमेरिका के बीच व्यापारिक संबंधों में टैरिफ को लेकर तनाव बढ़ता जा रहा है. अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने घोषणा की है कि 2 अप्रैल से अमेरिका रेसिप्रोकल टैरिफ लागू करेगा. इसका मतलब है कि जो देश अमेरिकी उत्पादों पर जितना आयात शुल्क लगाते हैं, अमेरिका भी उन देशों पर समान टैरिफ लागू करेगा.

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भारत और अमेरिका के बीच व्यापारिक संबंधों में टैरिफ को लेकर तनाव बढ़ता जा रहा है. अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने घोषणा की है कि 2 अप्रैल से अमेरिका रेसिप्रोकल टैरिफ लागू करेगा. इसका मतलब है कि जो देश अमेरिकी उत्पादों पर जितना आयात शुल्क लगाते हैं, अमेरिका भी उन देशों पर समान टैरिफ लागू करेगा.

समाचारों के अनुसार, अमेरिका चाहता है कि भारत और अमेरिका के बीच व्यापारिक संबंधों को और मजबूत करने के लिए कृषि उत्पादों के अलावा सभी उत्पादों पर जीरो टैरिफ लागू किया जाए। हालाँकि प्रस्ताव का स्पष्ट रूप अभी नहीं बनाया गया है, यह मुद्दा लगातार चर्चा में है। ट्रंप प्रशासन ने भारत के ऊंचे टैरिफ को लेकर कई बार अपनी नाराजगी व्यक्त की है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अमेरिका यात्रा के दौरान भी यह मुद्दा उठाया गया था, जब ट्रंप ने भारत पर लगाए गए आयात शुल्क को गलत बताया था।

जीरो टैरिफ की मांग

अमेरिका विशेष रूप से चाहता है कि भारत ऑटोमोबाइल आयात शुल्क को कम करे। भारत में कारों पर 110% तक टैरिफ लगाया जाता है, जिससे विदेशी कार कंपनियों को देश में कार लॉन्च करना मुश्किल होता है।

हाल ही में टेस्ला (Tesla) की भारत में एंट्री को लेकर चर्चा बढ़ गई है। टेस्ला जैसी कंपनियों की इलेक्ट्रिक कारें सस्ती हो सकती हैं अगर भारत अपने ऑटोमोबाइल टैरिफ को पूरी तरह से हटाता है। उदाहरण के लिए, भारत में टैरिफ की वजह से टेस्ला की सबसे सस्ती कार, जिसकी कीमत अमेरिका में 20,000 डॉलर (लगभग 16.5 लाख रुपये) है, दोगुना महंगी हो जाती है। यही कार 20 लाख रुपये से कम में मिल सकती है अगर टैरिफ समाप्त हो जाता है।

अमेरिका के टैरिफ विवाद में टेस्ला के सीईओ एलन मस्क की भूमिका भी महत्वपूर्ण बताई जाती है। अमेरिका के टैरिफ सुधार कार्यक्रम के पीछे टेस्ला का भी बड़ा हित माना जाता है, क्योंकि ट्रंप और मस्क के बीच अच्छे संबंध हैं। इसलिए ट्रंप सरकार भारत पर टैरिफ हटाने का लगातार दबाव बना रही है। 4 मार्च को ट्रंप ने अमेरिकी कांग्रेस में कहा कि भारत का टैरिफ “बर्दाश्त से बाहर” हो गया है और जल्द ही इसके खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी। भारत सरकार टैरिफ को पूरी तरह से हटाने के पक्ष में नहीं है, लेकिन शुल्कों को धीरे-धीरे कम करने पर विचार कर रही है।

भारत के ऑटोमोबाइल क्षेत्र पर प्रभाव

अमेरिका विशेष रूप से चाहता है कि भारत ऑटोमोबाइल आयात शुल्क को कम करे। भारत में कारों पर 110% तक टैरिफ लगाया जाता है, जिससे विदेशी कार कंपनियों को देश में कार लॉन्च करना मुश्किल होता है।

हाल ही में टेस्ला (Tesla) की भारत में एंट्री को लेकर चर्चा बढ़ गई है। टेस्ला जैसी कंपनियों की इलेक्ट्रिक कारें सस्ती हो सकती हैं अगर भारत अपने ऑटोमोबाइल टैरिफ को पूरी तरह से हटाता है। उदाहरण के लिए, भारत में टैरिफ की वजह से टेस्ला की सबसे सस्ती कार, जिसकी कीमत अमेरिका में 20,000 डॉलर (लगभग 16.5 लाख रुपये) है, दोगुना महंगी हो जाती है। यही कार 20 लाख रुपये से कम में मिल सकती है अगर टैरिफ समाप्त हो जाता है।

 

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