अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने गुरुवार को एक बड़ा ऐलान करते हुए कहा कि 1 अक्टूबर 2025 से अमेरिका ब्रांडेड या पेटेंटेड फार्मास्युटिकल उत्पादों के आयात पर 100 प्रतिशत टैरिफ लगाएगा। यह कदम उन दवा कंपनियों को प्रभावित कर सकता है जो अमेरिका में निर्माण इकाई स्थापित नहीं कर रही हैं। ट्रंप ने स्पष्ट किया कि जिन कंपनियों ने अमेरिका में निर्माण कार्य शुरू कर दिया है या निर्माण प्रक्रिया “ब्रेकिंग ग्राउंड” के चरण में है, उन्हें इस टैरिफ से छूट दी जाएगी।
यह ऐलान ट्रंप ने अपने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म “ट्रुथ सोशल” पर किया। उन्होंने लिखा, “जो कंपनियां अमेरिका में निर्माण कर रही हैं, उन पर यह टैरिफ लागू नहीं होगा। निर्माण की परिभाषा होगी – जमीन पर काम शुरू होना या निर्माणाधीन होना।“
अमेरिकी दवा बाजार भारतीय फार्मा कंपनियों के लिए सबसे बड़ा निर्यात गंतव्य है, खासकर जेनेरिक और किफायती दवाओं के क्षेत्र में। ट्रंप के इस कदम से सिप्ला (Cipla), ल्यूपिन (Lupin), ऑरोबिंदो फार्मा (Aurobindo Pharma) और ग्लैंड फार्मा (Gland Pharma) जैसी प्रमुख भारतीय कंपनियों को बड़ा झटका लग सकता है।
IQVIA की एक रिपोर्ट के अनुसार, अमेरिका में कुल जेनेरिक दवा प्रिस्क्रिप्शनों में से 47% भारत द्वारा आपूर्ति की जाती हैं। इसके साथ ही, बायोसिमिलर उत्पादों का 15% हिस्सा भी भारतीय कंपनियों द्वारा प्रदान किया जाता है।
यदि इन उत्पादों पर 100% टैरिफ लगाया जाता है, तो उनकी कीमतें दोगुनी हो जाएंगी, जिससे प्रतिस्पर्धा में गिरावट आएगी और बाजार हिस्सेदारी प्रभावित हो सकती है। इसका सीधा असर भारतीय कंपनियों की आय, लाभ मार्जिन और अमेरिकी बाजार में मौजूदगी पर पड़ सकता है।
इसी दिन ट्रंप ने किचन कैबिनेट्स, बाथरूम वैनिटीज़ और संबंधित उत्पादों पर 50 प्रतिशत और अपहोल्स्टर्ड फर्नीचर पर 30 प्रतिशत टैरिफ की घोषणा की। उन्होंने कहा, “हमारे बाजारों में इन उत्पादों की बाढ़ आ गई है। यह एक अनुचित व्यापारिक प्रथा है। हमें अपने मैन्युफैक्चरिंग प्रोसेस की सुरक्षा करनी होगी।“
गौरतलब है कि अगस्त 2025 में ट्रंप ने इशारा दिया था कि फार्मा उत्पादों पर टैरिफ 250% तक बढ़ सकता है। उस समय उन्होंने कहा था कि वह शुरुआत में “छोटा टैरिफ” लगाएंगे, जिसे क्रमश: 150% और फिर 250% तक ले जाया जाएगा।
इस घोषणा के बाद, भारतीय शेयर बाजारों में फार्मा इंडेक्स पर नकारात्मक असर देखा गया। निफ्टी फार्मा इंडेक्स, सन फार्मा (Sun Pharma), डॉ. रेड्डीज (Dr. Reddy’s), और सिप्ला जैसी कंपनियों के शेयरों में गिरावट दर्ज की गई। विश्लेषकों का मानना है कि आने वाले हफ्तों में अनिश्चितताबनी रहेगी, खासकर जब तक कंपनियां अपनी अमेरिकी निर्माण योजनाओं को स्पष्ट नहीं करतीं।