Loksabha में Waqf संशोधन विधेयक 2025 (Waqf Amendment Bill 2025) को 12 घंटे की लंबी बहस के बाद मंजूरी मिल गई।
यह बिल रात 2 बजे पारित किया गया, जब सत्ता पक्ष और विपक्ष के बीच तीखी बहस के बाद अंततः मतदान हुआ।
इस विधेयक के पारित होने के साथ ही वक्फ़ संपत्तियों के प्रबंधन और उनके उपयोग को लेकर नए प्रावधान लागू होंगे।
हालांकि, इस बिल को लेकर कई विपक्षी दलों ने आपत्ति जताई और सरकार पर गंभीर आरोप लगाए।
12 घंटे की तीखी बहस
इस विधेयक को लेकर संसद में करीब 12 घंटे तक जोरदार बहस हुई। सत्ता पक्ष ने इसे वक्फ़ संपत्तियों के सही इस्तेमाल और पारदर्शिता बढ़ाने के लिए जरूरी बताया, वहीं विपक्ष ने इसे धार्मिक मामलों में हस्तक्षेप का प्रयास करार दिया।
सरकार की दलील:
सरकार का कहना है कि यह विधेयक वक्फ़ बोर्ड को अधिक पारदर्शिता और जिम्मेदारी के साथ काम करने के लिए बाध्य करेगा। इसके तहत वक्फ़ संपत्तियों के गलत इस्तेमाल और अवैध कब्जे रोकने के लिए कड़े प्रावधान किए गए हैं।
विपक्ष का विरोध:
विपक्ष ने इस बिल को धार्मिक स्वतंत्रता के खिलाफ बताया और कहा कि इससे वक्फ़ बोर्ड पर सरकारी नियंत्रण बढ़ जाएगा। कुछ विपक्षी नेताओं ने आरोप लगाया कि यह बिल विशेष समुदाय के खिलाफ है और इससे सामाजिक सौहार्द बिगड़ सकता है।
रात 2 बजे पास हुआ बिल
संसद में इस विधेयक पर बहस इतनी लंबी चली कि यह रात 2 बजे पारित हुआ। सरकार ने बहुमत के आधार पर इस बिल को मंजूरी दिला दी, लेकिन विपक्ष ने इसे लोकतांत्रिक प्रक्रिया के खिलाफ बताया।
बिल में क्या हैं प्रमुख प्रावधान?
1. वक्फ़ संपत्तियों का डिजिटलीकरण – वक्फ़ संपत्तियों का रिकॉर्ड डिजिटल किया जाएगा ताकि पारदर्शिता बनी रहे।
2. अवैध कब्जे की सख्त कार्रवाई – यदि कोई व्यक्ति या संगठन वक्फ़ संपत्ति पर अवैध कब्जा करता है, तो उसके खिलाफ सख्त कानूनी कार्रवाई होगी।
3. वक्फ़ बोर्ड की जवाबदेही – वक्फ़ बोर्ड को अपनी संपत्तियों के उपयोग और प्रबंधन में अधिक पारदर्शिता लानी होगी।
4. सरकारी निगरानी बढ़ेगी – सरकार को वक्फ़ संपत्तियों की देखरेख करने और विवादों को हल करने के लिए अधिक अधिकार मिलेंगे।
सियासी गलियारों में मचा हड़कंप
इस बिल के पारित होने के बाद राजनीतिक हलकों में हड़कंप मच गया है। कई विपक्षी दलों ने कहा है कि वे इस बिल को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती देंगे। वहीं, सरकार इसे एक ऐतिहासिक फैसला बता रही है, जिससे वक्फ़ संपत्तियों के दुरुपयोग पर रोक लगेगी।
अब देखना यह होगा कि इस बिल का अमल कैसे होता है और क्या यह वास्तव में वक्फ़ संपत्तियों की व्यवस्था सुधार पाएगा या फिर यह राजनीतिक विवादों में ही उलझा रहेगा।