दिल्ली विधानसभा चुनावों के लिए मतदान की तारीख नजदीक आ रही है, और नामांकन प्रक्रिया पिछले हफ्ते संपन्न हो चुकी है। 5 फरवरी को होने वाले मतदान से पहले, दिल्ली के प्रमुख राजनीतिक दलों, जिनमें सत्ताधारी आम आदमी पार्टी (AAP), भारतीय जनता पार्टी (BJP) और कांग्रेस शामिल हैं, ने मतदाताओं को लुभाने के लिए ‘फ्रीबी’ की झड़ी लगा दी है। इन वादों में दिल्लीवासियों को खुश करने के लिए कई तरह की योजनाओं का ऐलान किया गया है।
आम आदमी पार्टी (AAP), जो पिछले दो कार्यकालों से सत्ता में है, तीसरे कार्यकाल के लिए अपना दावा पेश कर रही है। पार्टी के सामने कई चुनौतियाँ हैं, जिनमें वोटरों की उदासीनता, एंटी-इंकीम्बेंसी, भ्रष्टाचार के आरोप, विकास की कमी और खराब नागरिक सुविधाएँ शामिल हैं। भाजपा, जो पिछले लगभग तीन दशकों से दिल्ली की सत्ता से बाहर है, ने AAP और उसके संयोजक अरविंद केजरीवाल के खिलाफ आक्रामक प्रचार शुरू किया है।
हालांकि, AAP की कल्याणकारी योजनाओं की लोकप्रियता और भाजपा के पास एक मजबूत चेहरा न होने के कारण भाजपा की संभावनाओं को नुकसान हो सकता है। कांग्रेस ने देर से चुनावी मैदान में कूदते हुए AAP से सत्ता छीनने का मन बना लिया है, और इस बार वह UPA सरकार के खिलाफ हुए चुनावी नुकसान का बदला लेने के लिए तैयार है।
अब तक किए गए चुनाव पूर्व सर्वेक्षणों में सत्ताधारी पार्टी को बढ़त मिली है, और यह संकेत मिल रहे हैं कि AAP दिल्ली में तीसरी बार सत्ता में आ सकती है। राजस्थान के फालोदी स्थित सट्टा बाजार ने भी दिल्ली चुनावों के लिए अपनी भविष्यवाणियाँ जारी की हैं।
फालोदी सट्टा बाजार भविष्यवाणी
जब चुनावों का ऐलान हुआ था, तब फालोदी सट्टा बाजार ने AAP को बढ़त में दिखाया था और 70 सदस्यीय विधानसभा में बहुमत के 36 सीटों के पार पहुंचने का अनुमान लगाया था। लेकिन, अब मतदान से महज दो हफ्ते पहले, बाजार ने अपनी भविष्यवाणियों में संशोधन किया है।
यहाँ देखिए ताजा भविष्यवाणियाँ:
आम आदमी पार्टी (AAP):
आम आदमी पार्टी, जिसने पिछले दो चुनावों में क्रमशः 67 और 62 सीटें जीती थीं, अब तीसरे कार्यकाल के लिए तैयार है। हालांकि, पार्टी पर शीर्ष नेताओं के खिलाफ भ्रष्टाचार के आरोप लगने के कारण इस बार उसे अपेक्षाकृत कम सीटों का सामना करना पड़ सकता है।
फालोदी सट्टा बाजार के अनुसार, शुरूआत में AAP को 37 से 39 सीटें मिलने का अनुमान था, लेकिन अब संशोधित भविष्यवाणियों में यह आंकड़ा 39 से 41 सीटों के बीच दिखाई दे रहा है, जिससे यह संकेत मिलता है कि सत्ताधारी पार्टी के पक्ष में थोड़ी सकारात्मक भावना बन रही है।
भारतीय जनता पार्टी (BJP):
1993 के बाद दिल्ली विधानसभा चुनाव नहीं जीतने वाली भाजपा इस बार दिल्ली में सत्ता वापसी की उम्मीद कर रही है। महाराष्ट्र और हरियाणा में हालिया जीतों से उत्साहित भाजपा ने AAP के खिलाफ आक्रामक प्रचार शुरू किया है और ‘फ्रीबी’ की घोषणा की है, ताकि AAP की लोकप्रिय योजनाओं को चुनौती दी जा सके।
फालोदी सट्टा बाजार की ताजा भविष्यवाणी के अनुसार, भाजपा को 29 से 31 सीटें मिलने का अनुमान है। हालांकि, ये सीटें बहुमत के 36 के आंकड़े से 5-6 सीटें कम हैं। पहले के अनुमान में भाजपा को 25 से 35 सीटों के बीच जीतने की संभावना बताई गई थी।
कांग्रेस:
दिल्ली विधानसभा और लोकसभा में कांग्रेस का कोई भी प्रतिनिधित्व नहीं होने के कारण पार्टी इस चुनाव में अपनी स्थिति मजबूत करने की कोशिश कर रही है। कांग्रेस ने सभी 70 सीटों पर उम्मीदवार उतारे हैं, लेकिन अब तक पार्टी ने Kejriwal और AAP के खिलाफ अपना आक्रमण तेज किया है।
फालोदी सट्टा बाजार ने कांग्रेस के लिए कोई सीट अनुमान नहीं किया है। पहले के अनुमान में पार्टी को केवल 3 सीटों का अनुमान दिया गया था।
दिल्ली चुनाव 2025: 699 उम्मीदवार चुनावी मैदान में
नामांकन प्रक्रिया 20 जनवरी को समाप्त हो चुकी है, और 5 फरवरी को दिल्ली विधानसभा के लिए मतदान होगा। कुल 699 उम्मीदवार अपनी किस्मत आजमाएंगे। AAP और कांग्रेस ने सभी 70 सीटों पर उम्मीदवार उतारे हैं, जबकि भाजपा 68 सीटों पर मैदान में है, और उसके सहयोगी दल JD(U) और LJP (रामविलास) प्रत्येक पर एक सीट पर चुनाव लड़ेंगे।
चुनाव के परिणाम 8 फरवरी को घोषित होंगे, और दिल्ली विधानसभा का कार्यकाल 23 फरवरी को समाप्त होगा।
निष्कर्ष: दिल्ली विधानसभा चुनाव 2025 बेहद दिलचस्प होने वाला है। सट्टा बाजार की भविष्यवाणियाँ और राजनीतिक दलों के प्रचार-प्रसार के बीच, यह देखना होगा कि क्या AAP तीसरी बार सत्ता में आ पाएगी या फिर भाजपा अपनी वापसी करेगी। कांग्रेस के लिए भी यह चुनाव आत्मविश्वास बढ़ाने का मौका हो सकता है।