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Friday, July 18, 2025

नेशनल एल्युमिनियम कंपनी (NALCO) ने कोल ब्लॉक के लिए लीज डीड पर हस्ताक्षर किए, कोल उत्पादन क्षमता बढ़ाने का लक्ष्य

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नेशनल एल्युमिनियम कंपनी (NALCO) ने अंगुल जिले के जिला कलेक्टर के साथ उटकल-D और उटकल-E कोल ब्लॉक्स के लिए एक खनन लीज डीड पर हस्ताक्षर किए हैं। इस समझौते के तहत, कंपनी की कोल उत्पादन क्षमता को 4.0 मिलियन टन प्रति वर्ष (MTPA) तक बढ़ाया जाएगा, जिससे उसे अपने कैप्टिव पावर प्लांट के लिए ईंधन सुरक्षा को सुनिश्चित करने में मदद मिलेगी। लीज डीड की वैधता 21 अप्रैल 2051 तक है, जो इस परियोजना को दीर्घकालिक स्थिरता प्रदान करता है।

कोल ब्लॉक्स का महत्व

NALCO, जो एक सार्वजनिक क्षेत्र की मिनीरल और मेटल्स कंपनी है, अपने उत्पादन को बढ़ाने के लिए लगातार नई परियोजनाओं की खोज कर रही है। उटकल-D और उटकल-E कोल ब्लॉक्स का समावेश कंपनी के लिए महत्वपूर्ण है क्योंकि इन ब्लॉक्स से प्राप्त कोयला मुख्य रूप से उसके कैप्टिव पावर प्लांट की आपूर्ति में उपयोग होगा। इस कदम से कंपनी को अपने पावर प्लांट के संचालन को स्थिर रखने के लिए बाहरी ईंधन स्रोतों पर निर्भरता कम करने का अवसर मिलेगा।

भारत में, पावर उत्पादन के लिए कोयला एक महत्वपूर्ण ईंधन स्रोत है। भारतीय ऊर्जा क्षेत्र में कोयला आधारित बिजली उत्पादन का प्रमुख स्थान है, और NALCO का कोयला खनन में निवेश इसकी भविष्यवाणी और ऊर्जा सुरक्षा रणनीति का हिस्सा है। इस समझौते के बाद, NALCO के पास अपने पावर प्लांट के लिए पर्याप्त मात्रा में कोयला उपलब्ध होगा, जिससे यह सुनिश्चित होगा कि उत्पादन प्रक्रियाओं में कोई व्यवधान नहीं आएगा।

लीज डीड की विशेषताएँ

इस लीज डीड के तहत, NALCO को उटकल-D और उटकल-E कोल ब्लॉक्स में खनन और उत्पादकता बढ़ाने का अधिकार प्राप्त होगा। इन ब्लॉक्स की खनन क्षमता को 4.0 मिलियन टन प्रति वर्ष (MTPA) तक बढ़ाया जाएगा, जो NALCO के ऊर्जा उत्पादन की स्वदेशी आपूर्ति को मजबूत करेगा। लीज डीड की वैधता 21 अप्रैल 2051 तक है, जिससे NALCO को दीर्घकालिक स्थिरता मिलेगी। यह समझौता न केवल कंपनी के लिए वित्तीय रूप से फायदेमंद होगा, बल्कि भारतीय ऊर्जा क्षेत्र में कोल आपूर्ति की स्थिरता को भी सुनिश्चित करेगा।

इसके अलावा, इस समझौते से NALCO को अपनी ऊर्जा खपत को नियंत्रित करने और पर्यावरणीय प्रभाव को कम करने में मदद मिलेगी। स्वदेशी कोयला आपूर्ति से कंपनी को न केवल ईंधन की लागत में कमी आएगी, बल्कि यह स्थानीय कोयला खनन और ऊर्जा क्षेत्रों में भी रोजगार के अवसर पैदा करेगा।

स्थायित्व और दीर्घकालिक विकास

NALCO का यह कदम कंपनी की दीर्घकालिक विकास रणनीति का हिस्सा है, जो स्थिर और सस्ती ऊर्जा आपूर्ति पर आधारित है। कंपनी ने पहले ही अपने विभिन्न पावर प्लांट्स के लिए कई स्रोतों से कोयला आपूर्ति की व्यवस्था की है। उटकल-D और उटकल-E ब्लॉक्स का समावेश, इस दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है, जो कंपनी को भविष्य में कोल आपूर्ति संकट से बचने में मदद करेगा।

इसके अलावा, NALCO का यह कदम भारतीय खनन और ऊर्जा क्षेत्र के लिए एक सकारात्मक संकेत है, क्योंकि यह दिखाता है कि सार्वजनिक क्षेत्र की कंपनियाँ अब अपने संसाधनों का बेहतर उपयोग करने के लिए नई रणनीतियों को अपना रही हैं। इससे न केवल कंपनी को आर्थिक लाभ होगा, बल्कि यह भारतीय ऊर्जा क्षेत्र में आत्मनिर्भरता की दिशा में भी एक बड़ा कदम होगा।

निष्कर्ष

NALCO का उटकल-D और उटकल-E कोल ब्लॉक्स के लिए लीज डीड पर हस्ताक्षर करना न केवल कंपनी के लिए एक महत्वपूर्ण आर्थिक निर्णय है, बल्कि यह भारतीय ऊर्जा क्षेत्र में स्थिरता और आत्मनिर्भरता को बढ़ावा देने के लिए एक महत्वपूर्ण कदम है। इस कदम से कंपनी को अपनी ऊर्जा सुरक्षा सुनिश्चित करने, कोयला आपूर्ति संकट से बचने और दीर्घकालिक विकास की दिशा में एक मजबूत आधार मिलेगा।

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