भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और गृहमंत्री अमित शाह ने शिवसेना के संस्थापक बालासाहेब ठाकरे की जयंती पर उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित की और कहा कि वह अपने मूल सिद्धांतों पर हमेशा अटल रहे और कभी भी उसे समझौता नहीं किया।
बालासाहेब ठाकरे का जन्म 23 जनवरी 1926 को हुआ था। उन्होंने 1966 मैं शिवसेना की स्थापना की थी। बालासाहेब ठाकरे, जिन्हें महाराष्ट्र में राजनीति और समाज सेवा के क्षेत्र में एक श्रेष्ठ नेता माना जाता है, का योगदान भारतीय राजनीति में बहुत अधिक है। उनका जीवन और कार्य लोगों के लिए प्रेरणा का स्रोत बने हैं, और उनका प्रभाव न केवल महाराष्ट्र बल्कि सम्पूर्ण देश में महसूस किया जाता है। बाला साहब के निधन के बाद उनके पुत्र उद्धव ठाकरे ने पार्टी की कमान संभाली। भाजपा से संगठन तोड़कर उन्होंने कांग्रेस और शरद पवार के नेतृत्व वाली तत्कालीन राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी से हाथ मिलाया और फिर वह महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री भी बने। बाद में शिवसेना में विद्रोह हो गया और वह दो धरो में विभाजित हो गई।
प्रधानमंत्री मोदी ने एक पर एक पोस्ट में कहा, “ मैं बालासाहेब ठाकरे जी को उनकी जयंती पर श्रद्धांजलि अर्पित करता हूं। लोक कल्याण और महाराष्ट्र के विकास के प्रति उनकी प्रतिज्ञा के लिए उन्हें व्यापक रूप से सम्मान दिया जाता है और उन्हें याद किया जाता है। जब बात अपने मूल विश्वासों कि आई थी तो वह समझौता नहीं करते थे और हमेशा भारतीय संस्कृति के गौरव को बढ़ाने में योगदान देते थे,”।
केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह नेवी बालासाहेब ठाकरे को श्रद्धांजलि दी और सनातन संस्कृति और राष्ट्रवाद के आदर्शों के प्रति उनके आजीवन समर्पण को उजागर किया। शाह ने कहा कि बालासाहेब के सिद्धांत और उनकी विचारधारा की मजबूती हमें हमेशा प्रेरित करती रहेगी। उन्होंने एक पर एक पोस्ट में कहा, “ आजीवन सनातन संस्कृति और राष्ट्रवाद के आदर्शों के लिए समर्पित रहे आदरणीय बालासाहेब ठाकरे ने हमेशा राष्ट्र के कल्याण को सर्वोपरि रखा। विपरीत परिस्थितियों में भी बालासाहेब ने अपने सिद्धांतों से कभी समझौता नहीं किया और उनकी वैचारिक दृढ़ता हमें हमेशा प्रेरित करती रहेगी ”।
महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री और शिवसेना प्रमुख एकनाथ शिंदे ने भी बालासाहेब ठाकरे को श्रद्धांजलि दी। शिंदे ने एक पर एक पोस्ट में कहा, “ आदरणीय हिंदू हृदय सम्राट, शिवसेना प्रमुख बालासाहेब ठाकरे को उनकी जयंती पर उनकी पावन स्मृति में विनम्र श्रद्धांजलि ”।
प्रधानमंत्री मोदी और गृहमंत्री शाह द्वारा बालासाहेब ठाकरे को श्रद्धांजलि देना एक सम्मान और उनके योगदान की सहारना है। यश श्रद्धांजलि न केवल उनके प्रति सम्मान का प्रतीक है, बल्कि यह भी दर्शाता है कि बालासाहेब के विचार और कार्यों का प्रभाव आज भी हम सभी के बीच जीवित है। उनका जीवन यह सिखाता है की राजनीति केवल सत्ता प्राप्ति का साधन नहीं है, बल्कि यह समाज के लिए एक सशक्त माध्यम हो सकता है जो लोगों के जीवन में सकारात्मक परिवर्तन लाता है। बालासाहेब ठाकरे का योगदान भारतीय राजनीति में अमिट रहेगा और उनकी याद हमेशा सजीव रहेगी।