नेपाल सीमा से करीब 12 किलोमीटर पहले मल्हीपुर क्षेत्र के लक्ष्मनपुर गंगापुर गांव में स्थित मदरसे में जाली नोट छापे जा रहे थे। गोपनीय सूचना के आधार पर एसओजी व पुलिस की संयुक्त टीम ने पड़ताल शुरू की तो सात दिनों में आरोपियों को दबोच लिया। मौके से पांच सौ, दो सौ व सौ रुपये के कुल 35 हजार 400 रुपये जाली नोट बरामद हुए। नोट छापने की मशीन, इंक व तमंचा समेत अन्य सामान भी टीम ने बरामद किया।
यह है पूरा मामला
इसी दौरान भेसरी पुल से बहराइच जिले के रामगांव क्षेत्र के बेगमपुर निवासी रामसेवक, विशेश्वरगंज क्षेत्र के सर्वदी निवासी धर्मराज शुक्ला, सोनवा क्षेत्र के ककंधू गांव निवासी अवधेश कुमार पांडेय को रोककर पूछताछ शुरू की। तलाशी में इनके पास से नकली नोट व कारतूस के साथ तमंचा बरामद हुआ।
यहां से टीम हरदत्तनगर गिरंट क्षेत्र के लक्ष्मनपुर के गंगापुर गांव स्थित मदरसे में पहुंची। यहां कमरे में जाली नोट छापने के लिए प्रिंटर, दो लैपटॉप, चार बोतल इंक, कैंची, पटरी, एक कागज पर तीन असली नोट चिपके फर्मा, बाइक व मोबाइल फोन बरामद किया।
मुबारक अली उर्फ नूरी को गिरफ्तार
मौके से गैंग के मुखिया बहराइच के पयागपुर क्षेत्र के काशीजोत निवासी जलील अहमद व मल्हीपुर क्षेत्र के लक्ष्मनपुर गंगापुर निवासी मुबारक अली उर्फ नूरी को गिरफ्तार किया। नूरी मदरसे के प्रबंधक का काम भी देखता था।
एसपी ने बताया कि पूछताछ में आरोपियों ने स्वीकार किया है कि वे लगभग एक वर्ष से जाली नोट छाप रहे थे, लेकिन तकनीकी जांच से ऐसा प्रतीत हो रहा है कि लगभग चार-पांच वर्ष से यह कारोबार चल रहा था।
छापे गए जाली नोट को दिन ढलने के बाद सब्जी, अंडे की दुकान व अन्य स्थानों पर चोरी-छिपे चलाते थे। असली नोट के बदले दो गुना नकली नोट का लालच देकर धंधा चला रहे थे। पकड़े गए आरोपियों में जलील अहमद, रामसेवक, अवधेश पांडेय व मुबारक अली उर्फ नूरी पर बहराइच व श्रावस्ती जिले में पहले ही कई मुकदमे दर्ज हैं।
यूट्यूब से से सीखा जाली नोट बनाने का तरीका
पुलिस के पूछताछ में आरोपियों ने बताया कि यूट्यूब पर वीडियो देखकर जाली नोट छापने का तरीका सीखा। असली नोट को मशीन से प्रिंट करते हैं। स्कैनर से असली नोट की तहरीर नई नोट को तैयार करते हैं। इसके बाद प्रिंटर की मदद से इसे छापते हैं।
